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ये है मर्दानगी का मसला! इस भ्रम में पुरुष नहीं कराना चाहते नसबंदी, जानिए डॉक्टर्स की राय

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नीरज कुमार, बेगूसराय: देश में 1970 के दशक में परिवार नियोजन को लेकर प्रयास शुरू किया गया था. जनसंख्या नियंत्रण के प्रयासों को महिलाओं पर केंद्रित किया है. लेकिन धीरे-धीरे इस कानून में बदलाव किया गया और सरकार के प्रयास से पुरुष नसबंदी अभियान मनाया जाने लगा. इस साल भी 27 नवंबर से 16 दिसंबर तक पूरे राज्य में नसबंदी पखवाड़ा चलेगा. राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह के निर्देश में पूरी तैयारी की गई है.

इस बार का थीम ”स्वस्थ बच्चा जब पति का हो परिवार नियोजन में योगदान अच्छा” को चुना गया है. ऐसे में आईए जानते हैं पुरुष प्रधान समाज में पुरुषों की क्या सोच रहती है, जिस वजह से यह अभियान अब तक सफल नहीं हो पाया है.

पुरुष नसबंदी को लेकर भ्रम दूर करने की है जरुरत
बेगूसराय जिला में पुरुष नसबंदी करने वाले चिकित्सक डॉ. अश्विनी कुमार सुमन ने लोकल 18 से बातचीत के क्रम में बताया कि हमारे समाज में पुरुष नसबंदी नहीं करना चाहते हैं और पत्नियों को मजबूर करते हैं. जबकि पुरुष नसबंदी आसान होती है और महिलाओं को इसमें ज्यादा कष्ट ज्यादा होता है. मेडिकल विभाग के रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं की हीं नसबंदी सबसे अधिक होती है.

पुरुषों को लगता है कि उनकी मर्दानगी खत्म हो जाएगी. लेकिन ऐसा नहीं है. डॉ. अश्विनी कुमार सुमन ने बताया कि कई बार देखा गया है किमहिलाएं भी चाहती है कि नसबंदी उनका हीं हो और पति का ना हो. ऐसा इसलिए सोच है कि महिलाओं को लगता है कि उनके पति की मर्दानगी खत्म हो जाएगी.

डॉ. अश्वनी ने इन सभी भ्रांतियां का खंडन करते हुए बताया कि नसबंदी के बाद ऐसा कुछ नहीं होता है कि पुरुष का मर्दानगी चला जाए. पुरुषों के लिए नसबंदी कराना बेहद आसान है. यह लोकल एनेस्थीसिया में भी हो जाता है. पुरुष को नसबंदी करने के लिए बेहोश करने की जरूरत नहीं पड़ती है. महिलाओं की अपेक्षा 90 फीसदी से भी ज्यादा आसान है.

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पुरुषों को नसबंदी कराने पर मिलेंगे 3000
परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी बढ़ाने को लेकर परिवार कल्याण एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले में पुरुष नसबंदी अभियान चालाया जा रहा है. हालांकि सरकारी अस्पतालों में नसबंदी कराने पर सरकार प्रोत्साहन राशि भी दे रही है. पुरुष को नसबंदी कराने पर सरकारी अस्पताल से 3 हजार तक का प्रोत्साहन राशि मिलता है. इसके बावजूद पुरुष इसमें दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं.

Tags: Begusarai news, Bihar News, Health tips, Local18

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Author: Gypsy News

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