नई दिल्ली. देश के कई हिस्सों में पिछले कुछ दिनों से भीषण ठंड पड़ रही है. इस सर्द मौसम में डॉक्टर गंभीर बीमारी से ग्रस्त मरीजों खासकर दिल के मरीजों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह देते हैं. डॉक्टरों की राय है कि सर्दियों में अगर किसी शख्स की सांस तेज चलने लगती है, ब्लड प्रेशर हाई हो जाता है, अधिक थकान लगने लगा है, सीने में दर्द, मिचली आती है, गले में दर्द, जबड़े में दर्द, बेचैनी के साथ ज्यादा पसीना आने लगती है तो वैसे शख्स को तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. इस तरह के लक्षणों को अगर आप बार-बार दरकिनार कर रहे हैं तो यह आपके लिए जानलेवा साबित हो सकता है. इस तरह के लक्षण वाले लोगों को सर्दी में हार्ट अटैक (Heart Attack) का खतरा बढ़ जाता है. लोग हार्ट अटैक के खतरे की डर कर ट्रोपोनीन टी टेस्ट Troponin T Test) घर पर ही करने लगते हैं.
मेडिकल टर्म में इसे ट्रोपोनिन टी टेस्ट (या ट्रॉप-टी टेस्ट कहते हैं. डॉक्टरों की मानें तो इस टेस्ट से पता चलता है कि आपको हार्ट अटैक का खतरा कितना है. यह टेस्ट दिल से जुड़ी बीमारियों का पता लगाने का एक नॉर्मल तरीका है. हालांकि, कुछ डॉक्टर इसे अस्पताल में या अपने सामने ही कराने की सलाह देते हैं. इसके पीछ डॉक्टरों का तर्क होता है कि मरीज पहले से ही हार्ट अटैक के खतरे से डरा रहता है. अगर डॉक्टर या अस्पताल में ट्रॉपोनीन टेस्ट होता है तो मरीज का रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद भी एहसास रहता है कि मैं सही जगह पर हूं. अगर मेरे साथ कोई अनहोनी होती है तो डॉक्टर संभाल लेंगे. लेकिन, अगर यह मरीज घर पर कराता है तो और अगर रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो मरीज के मन में घबराहट ज्यादा शुरू हो जाती है. इससे हार्ट अटैक का खतरा और बढ़ सकता है.
ट्रोपोनिन एक तरह का प्रोटीन है, जिसका स्तर बढ़ जाने से दिल की मांसपेशियां खराब हो सकती हैं. (Photo-Freepik)
क्या कहते हैं एम्स दिल्ली के कार्डियोलॉजिस्ट
बता दें कि इस टेस्ट से खून में मौजूद ट्रोपोनिन लेवल का पता चलता है. दरअसल, ट्रोपोनिन एक तरह का प्रोटीन है, जिसका स्तर बढ़ जाने से दिल की मांसपेशियां खराब हो सकती हैं. इसके लेवल बढ़ने से समझा जा सकता है कि धमनियों पर विशेष जोर पड़ रहा है. देश के जाने-माने कार्डियोलॉजिस्ट और दिल्ली एम्स में कार्डियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ एके बिसोई कहते हैं, ‘ठंड में धमनियों को खून का प्रवाह बढ़ाने के लिए ज्यादा जोर लगानी पड़ती है. इससे लोगों को सीने में दर्द की शिकायत होने लगती है. एम्स में रोजाना 2000 के करीब नए मरीज आते हैं. सर्दियों में यह संख्या बढ़ जाती है. मरीज को अन्य वजहों से भी सीने में दर्द या सांस फूलने की समस्या रहती है. लेकिन, कुछ मरीज डर के कारण, अस्पताल पुहंच जाते हैं. ट्रॉपटिन टेस्ट भी किए जाते हैं, लेकिन ब्लड टेस्ट, ईसीजी या टीएमटी टेस्ट से भी पता चल जाता है. रक्त में ट्रॉपनीन की मात्रा से अनुमान लग जाता है. मेरी राय में मरीज की स्थिति को देखते हुए ट्रोपोनीन टेस्ट करानी चाहिए वह भी डॉक्टरों की मौजूदगी में. यह मेरा मानना है.’
ट्रोपोनिन टी टेस्ट के अलावा ये टेस्ट भी हैं कारगर
वहीं, दिल्ली सरकार के सबसे बड़े अस्पताल एलएनजेपी में मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ नरेश कुमार कहते हैं, ‘जरूरी नहीं कि मरीज सीने में दर्द, जलन या सांस फूलने की शिकायत लेकर सीधे कार्डियोलॉजी विभाग में ही जाए. मेडिसिन ओपीडी में भी इस तरह के मरीज आते हैं. हमलोग इस तरह के मरीजों को इमरजेंसी में भेज कर ट्रॉपोनिन टी टेस्ट कराने की सलाह देते हैं. एलएनजेपी में तो यह जांच डॉक्टरों के लिखने पर ही होती है, लेकिन बाहर खुद भी मरीज इस कीट को खरीद कर जांच कराते हैं. मेरा मानना है कि डॉक्टरों की मौजूदगी में ही यह टेस्ट करानी चाहिए. यह टेस्ट से शरीर में मौजूद सोडियम, क्रिएटिनिन और पोटेशियम की मात्रा का पता चलता है. इनमें से किसी भी चीज का लेवल बढ़ने पर हार्ट अटैक आ सकता है.’
सर्दी का मौसम दिल के मरीजों के लिए कठिन होता है. (सांकेतिक फोटो)
सर्दी का मौसम दिल के मरीजों के लिए कठिन होता है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि आप परेशान हो जाएं. आप अपने दिनचर्या और खान-पान के जरिए हार्ट अटैक के खतरे को कम कर सकते हैं. हां, सर्दी के मौसम में दिल के मरीजों को विशेष सावधानी जरूर बरतनी चाहिए. अगर आपको अधिक थकान, सीने में दर्द, मिचली आना, गले में दर्द, जबड़े में दर्द, बेचैनी और ज्यादा पसीना आ रहा है तो आप डॉक्टर की सलाह से ही ट्रोपोनीन टेस्ट कराएं.
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Tags: AIIMS director, Heart attack, Heart Disease, LNJP Hospital
FIRST PUBLISHED : December 22, 2023, 13:51 IST





