इस फल का नियमित सेवन आपको हमेशा रखेगा जवान, चेहरे पर नहीं आएगी झुर्रियां, वैद्य से जानें सब

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शशिकांत ओझा/पलामू. कड़ाके की ठंड अब राज्य भर में पड़ने लगी है.वहीं इस ठंड के मौसम में सर्दी खांसी से बचाव के लिए एक फल राम बाण साबित होता है.खट्टा होने के बावजूद ये फल बेहद लाभकारी होता है. यह फल महाफल में त्रिफला में पहले स्थान में आता है.इस रिपोर्ट में हम आपको इस फल के आयुर्वेद में रसायन से लेकर इसके फायदे और इस्तेमाल के तरीके भी बताएंगे. इसके साथ साथ इसके गुणों के बारे में बताएंगे.

चैनपुर स्थिर आरोग्य सेंटर के वैद्य पुरुषार्थी पवन आर्या ने लोकल18 से कहा कि आंवला हर लोगों के लिए लाभकारी है. इसे ऋषियों ने अमृता कहा है और मां का दर्जा दिया गया है. आंवला त्रिफला में पहले स्थान पर आता है. अपने आप में वरदान है. ये ठंड के दिनों में बेहद लाभकारी होता है .कई लोग सोचते है की ये तो खट्टा है इसे कैसे ठंड के दिनों में सेवन करे. वो नहीं जानते इसके लाभ इसे आप कड़ाके की ठंड में भी सेवन कर सकते है. ये फल सर्दियों में राम बाण की तरह काम करता है. इसके साथ साथ कई बीमारी को दूर करता है. इसके नियमित इस्तेमाल से आयु बढ़ता है. आयुर्वेद में इसका रसायन जो की आमल्की रसायन के रूप में इस्तेमाल होता है.आंवला हमारे सेहत, पेट, आंख, बाल, गैस की समस्या, पाचन क्रिया में बेहद कारगर साबित होता है.

स्किन को बूढ़ा होने से बचाता है आंवला
उन्होंने  आगे कहा कि ये गुणकारी फल के नियमित सेवन से हमारे शरीर को प्रचुर मात्रा में विटामिन सी और विटामिन ए मिलता है.जिससे आयु वृद्धि होती है और स्किन जल्दी बूढ़ा नहीं होता. इसके नियमित इस्तेमाल से सिर के बाल अगर सफेद हो गए हो तो सफेद बाल काले हो जाते है. बाल झड़ना बंद हो जाता है. आंवला आंखों के लिए भी लाभदायक है. अगर आपके आंखो पर चश्मा लग जाए. तो नियमित आंवला के सेवन से आंखों के डैमेज कम होते है.आंखों में चमक आ जाती है. सर्दी खांसी जुकाम के लिए आंवला अदभुत है. इसके एक से दो दिन के इस्तेमाल से जकड़ी हुई सर्दी खांसी जुकाम को राहत मिलती है.इसके नियमित इस्तेमाल से सर्दी खांसी जुकाम ठीक हो जाते है. आंवला के नियमित इस्तेमाल से सांस की समस्या, कब्ज, गैस, लिवर की समस्या, पेट के आंट में घाव, अल्सर समेत कई बीमारी ठीक होते है. इसका नियमित इस्तेमाल किया जाए तो पैर और हाथ के सूजन को भी तत्काल राहत मिलती है.

ऐसे करे इस्तेमाल
इसका इस्तेमाल किसी भी तरह किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि पहले के जमाने में इसे लोग चटनी, आंवला के मुरब्बा, चूर्ण, आंवला के अंचार के रूप में करते थे. अब इसका बाजार में कई तरह का आइटम मिलने लगा है. आंवला का कैंडी, आंवला जूस, आंवला तेल, आंवला मुरब्बा समेत कई आइटम मिलते है.जिसका इस्तेमाल आम करते है.सर्दी, खांसी और जुकाम होने पर इसके चूर्ण को खाली पेट गुड़ या शहद के साथ मिलाकर सुबह शाम इस्तेमाल करने से सर्दी खासी और जुकाम जल्दी ठीक होता है.ठंड के मौसम में खास तौर पर इसका इस्तेमाल हल्के गुनगुने पानी से करे.बच्चो को कभी भी ठंडे पानी से सेवन न करने दें. इसके जूस को 200 एम एल गुनगुने पानी में चार चम्मच आंवला जूस को मिलाकर नियमित प्रयोग कर सकते है. वहीं सर्दी मौसम में इसका मुरब्बा बेहद कारगर होता है.जिसे घर पर भी आप बना सकते है.

Tags: Health, Jharkhand news, Local18, Palamu news

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