अर्पित बड़कुल/दमोह: एमपी के दमोह जिले के ग्रामीण इलाकों में आसानी से मिलने वाला यह औषधीय पौधा आयुर्वेद में पुरुषों की शारीरिक क्षमता के लिए वरदान माना जाता है.जिसे हम धतूरा के नाम से जानते हैं.आयुर्वेद चिकित्सक बतलाते हैं कि इसका सेवन करना किसी वरदान से कम नहीं है. इससे आपकी शारीरिक क्षमता (Physical Power) बढ़ती है. इसके सेवन करने का सबसे आसान तरीका यह है कि इसे लौंग और धूतरे के बीज को बराबर मात्रा में पीस लें. फिर इसके बाद इसमे शहद मिलाकर छोटी गोलियां बना लें.जिसे रोजाना सुबह उठकर एक गोली खाएं, बदलाव आप खुद महसूस करेंगे.
ग्रामीण इलाकों में आज भी धतूरे का उपयोग जोड़ों के दर्द के लिए किया जाता है. साथ ही पैरों में आने वाली सूजन या भारी पन के लिए भी धतूरे का उपयोग किया जाता है. इसके लिए धतूरे की पत्तियों को पीसकर लेप बनाए जिसे पैरों पर लगाने से तत्काल आराम महसूस होने लगता है. इसकी तासीर बहुत गर्म होती है, जिस वजह से मांसपेशियों की प्राकृतिक रूप से सिकाई होती है और मांसपेशियां नरम पड़ जाती हैं, जिससे मरीज को तत्काल आराम मिल जाता है.
इससे बढ़ती है शारीरिक क्षमता
आयुर्वेद चिकित्सक डॉक्टर अभिषेक खरे ने कहा कि आयुर्वेद की शोध विधि के जरिए इसका उपयोग वाद रोग में विशेष रूप से प्रयोग किया जाता है. वैज्ञानिक दृष्टि से धतूरा सीमित मात्रा में लिया जाए तो औषधि का काम करता है और शरीर को अंदर से गर्म रखता है. देवी भागवत पुराण में कहा जाता है,कि विषपान के बाद अश्विनी कुमारो ने भांग,धतूरा,बेल आदि से शिवजी की व्याकुलता दूर की थी.
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FIRST PUBLISHED : December 19, 2023, 18:29 IST