संस्कृति IAS कोचिंग सिविल सेवा परीक्षा की हिंदी माध्यम से तैयारी कराने वाली भारत की सर्वश्रेष्ठ संस्था है। यह संस्था दिल्ली के मुख़र्जीनगर एवं उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में संचालित हो रही है। इस संस्था की परीक्षा केन्द्रित रणनीति का ही परिणाम है कि आज बड़ी संख्या में अभ्यर्थी हिंदी माध्यम से अपने सपनों को साकार कर रहे हैं।
हिंदी माध्यम के अभ्यर्थियों के लिए संस्कृति IAS Coaching द्वारा सुझाए गए टिप्स पर बात करने से पहले UPSC सिविल सर्विसेज परीक्षा की प्रकृति को समझ लेना आवश्यक है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा की प्रकृति-
अयोग सिविल सेवा परीक्षा को तीन चरणों में संपन्न कराता है। प्रत्येक चरण के आयोजन का विशिष्ट उद्देश्य है-
प्रारंभिक चरण में बौद्धिकता, तार्किकता एवं जागरूकता की जाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों के माध्यम से की जाती है।
दूसरे चरण, मुख्य परीक्षा में विषय वस्तु की समझ एवं विश्लेषण क्षमता, नैतिकता की जाँच निश्चित शब्द एवं समय सीमा में लिखित परीक्षा के माध्यम से की जाती है।
अंतिम चरण यानी साक्षात्कार में व्यक्तित्व की जाँच की जाती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चुना जाने वाला अभ्यर्थी प्रशासनिक सेवाओं के लिए उपयुक्त है या नहीं।
जहाँ प्रारंभिक परीक्षा अर्हताकारी (Qualifying) प्रकृति की होती है, वहीं मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार के अंकों को जोड़कर अंतिम मेरिट का निर्धारण किया जाता है।
हिंदी माध्यम में UPSC की तैयारी के लिए संस्कृति IAS के टिप्स-
1. UPSC की अपेक्षाओं को समझें-
• परीक्षा के तीनों चरण का संपूर्ण पाठ्यक्रम देखें और एक प्रति अपने पास रखें।
• विगत वर्षों में पूछे गए प्रश्नों का संकलन अपने पास रखें। इन प्रश्नों के अभ्यास के साथ, इनके अनुरूप आगे का अध्ययन जारी रखें।
• तैयारी के दौरान इस परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों के इंटरव्यू या अनुभव से सीखने का प्रयास करें।
2. अध्ययन सामग्री का उचित चुनाव-
• यदि आप इस क्षेत्र में नए हैं या आपका एकेडमिक मानविकी विषयों से सम्बद्ध नहीं रहा है या इन विषयों की समझ नहीं है, तो आप सर्वप्रथम NCERT की किताबों से शुरुआत करें।
• यदि आप मानविकी विषयों के अभ्यर्थी रहे हैं, या इन विषयों पर समझ ठीक है; तो आप विषय की स्टैण्डर्ड पुस्तकों से भी शुरुआत कर सकते हैं।
• परीक्षा के तीनों चरणों में समसामयिकी का विशेष महत्त्व होता है। इसलिए स्वयं को समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, मीडिया या सोशल मीडिया आदि के माध्यम से अद्यतन रखें।
3. अध्यापक समूह के चुनाव में सावधानी-
• अध्यापक अपने-अपने विषय में विशेषज्ञ हों।
• सिविल सेवा के अध्यापन क्षेत्र में लंबा अनुभव हो।
• शिक्षक-छात्र प्रत्यक्ष संवाद संभव हो।
• ज्ञान को आत्मसात करा देने से युक्त हों।
4. वैकल्पिक विषय का चुनाव-
• उस विषय में आप सहज हों।
• उस विषय के कंटेंट की पर्याप्त उपलब्धता हो।
• बेहतर होगा वह विषय सामान्य अध्ययन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हो।
5. समय प्रबंधन-
• एक व्यावहारिक और यथार्थवादी समय सारिणी बनाएं और इसके अनुसार अनुशासित रहने का प्रयास करें।
• टू द प्वाइंट रहने का प्रयास करें।
6. अध्ययन एवं मूल्यांकन-
• किसी विषय को आत्मसात करने का अच्छा तरीका है उसे बार-बार पढ़ें।
• लिखते हुए पढ़ना अध्ययन का अच्छा तरीका माना जाता है, पढ़ते समय पेन/पेंसिल का प्रयोग अवश्य करें।
• किसी अध्याय को पढने के उपरांत उससे संबंधित विगत वर्षों में आए प्रश्नों का अभ्यास/ अवलोकन अवश्य करें।
• नियमित उत्तर लेखन करें। स्वयं मूल्यांकन करें या अपने से अधिक अनुभवी व्यक्ति से मूल्यांकन कराएं।
• एक छोटा मित्र समूह बना ले, परीक्षा उपयोगी विषयों पर स्वस्थ परिचर्चा करें
• नियमित रूप से अध्ययन करें।
• किसी भी विषय में डाउट की स्थिति में अपने अध्यापक से अवश्य सलाह लें।
• लक्ष्य केन्द्रित रहें।
• स्वास्थ्य एवं मनोरंजन पर भी यथोचित समय दें।
यद्यपि UPSC सिविल सेवा की प्रक्रिया कुछ जटिल है लेकिन यदि अभ्यर्थी संस्कृति IAS कोचिंग द्वारा सुझाए गए उपर्युक्त टिप्स का ईमानदारी से पालन करते हैं तो चयन सूची में स्थान बनाना आसान हो जायेगा। ये टिप्स प्रामाणिक हैं चूँकि अनेक अभ्यर्थियों ने इनके माध्यम से सफलताएँ सुनिश्चित की हैं।