इंजीनियरिंग के फील्ड में अपना भविष्य बनाने वाले स्टूडेंट्स के लिए कम पर्सेन्टाइल का मतलब असफलता कतई नहीं है. यह सफर का मुकाम नहीं है, बल्कि पड़ाव है. कम पर्सेन्टाइल वाले विद्यार्थियों के लिए भी अच्छे विकल्प उपलब्ध हैं. जरुरत बस उन्हें तलाश करने की है. इसके लिए जरूरी है कि स्टूडेंट्स को अपनी एकेडमिक परफॉरमेंस के अनुसार कॅरियर के विभिन्न विकल्पों की जानकारी हो.
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इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं में हर साल 12 से 13 लाख स्टूडेंट्स शामिल होते हैं. इंजीनियरिंग की तैयारी करने वाले प्रत्येक स्टूडेंट्स की इच्छा होती है कि उसे अच्छे संस्थान में प्रवेश मिले, लेकिन सभी के लिए यह संभव नहीं हो पाता है. ऐसे में कम पर्सेन्टाइल वाले स्टूडेंट्स यह मानकर बैठ जाते हैं कि उनका कुछ नहीं हो सकता. यह गलत परिपाटी है. इससे बचना चाहिए.
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एकेडमिक परफॉरमेंस को ध्यान में रखें
कोटा के एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के कॅरियर काउंसलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा बताते हैं प्रति वर्ष लाखों की संख्या में स्टूडेंट्स विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं के लिए तैयारी करते हैं. स्टूडेंट्स को अपनी एकेडमिक परफॉरमेंस के अनुसार कॅरियर के विभिन्न विकल्पों की जानकारी होना जरूरी है. इसके अभाव में बहुत सी बार स्टूडेंट्स परफॉरमेंस के अनुसार मिलने वाले कॉलेजों में प्रवेश से वंचित रह जाते हैं. सही काउंसलिंग से ऐसे स्टूडेंट्स की कई बार अच्छे कॉलेज में प्रवेश की भी संभावनाएं बन जाती है.
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कम पर्सेन्टाइल वाले स्टूडेंट्स ये करें
– एकेडमिक परफोरमेंस के अनुरूप चार या पांच कॉलेजों के लिए आवेदन करके रखें ताकि परिणामों के समय आपके पास कॉलेजों में जाने के लिए विकल्प उपलब्ध रहें.
– स्टूडेंट्स ऑनलाइन काउंसलिंग के दौरान भरी जाने वाली कॉलेजों की प्राथमिकता में उन कॉलेजों की गत वर्षों की ओपनिंग एवं क्लोजिंग रैंक को ध्यान में रखकर भरें.
– चूंकि स्टूडेंट्स को एक ही बार कॉलेजों के विकल्प को भरने का मौका दिया जाता है. अतः उन्हें सोच समझकर भरें. कॉलेजों के विकल्प को अपनी प्राथमिकता के घटते क्रम में भरें.
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इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं पर एक नजर में
इंजीनियरिंग की देश की सबसे बड़ी एवं प्रतिष्ठित प्रवेश परीक्षा जेईई-एडवांस्ड के माध्यम से देशभर की 23 आईआईटी में 11,279 सीटों प्रवेश दिया जाता है. वहीं जेईई-मेन्स के माध्यम से 31 एनआईटी, 23 ट्रिपल आईटी और 23 जीएफटीआई की लगभग 25 हजार सीटों पर प्रवेश मिलता है. उनमें से कुल करीब 35 हजार विद्यार्थियों को ही आईआईटी एनआईअी, ट्रिपल आईटी एवं जीएफटीआई में प्रवेश मिल पाता है. बाकी विद्यार्थी जानकारी के अभाव में परेशान एवं हताश दिखाई देते हैं. लेकिन इन प्रमुख परीक्षाओं के अलावा भी इंजीनियरिंग के लिए कई और संस्थानों के विकल्प खुले हुए हैं, जहां से हर साल हजारों विद्यार्थी डिग्री हासिल कर अपना भविष्य बना रहे हैं.
अच्छी पर्सेन्टाइल नहीं बनी तो भी ये हैं अच्छे विकल्प
जेईई-मेन में अपेक्षानुसार अच्छी पर्सेन्टाइल नहीं बनने पर निराश ना हों. ऐसे स्टूडेंट्स के पास अप्रेल की परीक्षा में पुनः बैठने का विकल्प उपलब्ध होता है. इसके साथ ही उनके पास आईआईटी और एनआईटी के अलावा भी कई मुख्य इंजीनियरिंग संस्थान, बिट्स पिलानी, वीआईटी, मनीपाल, आईपीयू, अमृता, एसआरएम, क्यूसेट, एएमयू, कॉमेडके, यूपीईएस, सीएमआई, आईएसआई, एनमेट, कलिंगा, ट्रिपल आईटी हैदराबाद, एलपीयू और मानव रचना जैसे इंजीनियरिंग संस्थानों के विकल्प उपलब्ध हैं.
फोटो : न्यूज 18 राजस्थान ।
यहां भी कर सकते हैं आवेदन
इसके साथ ही स्टूडेंट्स जेईई-मेन स्कोर एवं रैंक के आधार पर कई और प्रमुख इंजीनियरिंग संस्थानों के लिए आवेदन कर सकते हैं. इनमें ट्रिपल आईटी हैदराबाद, डीटीयू, एनएसआईटी, ट्रिपल आईटी दिल्ली, थापर, निरमा, धीरूभाई अंबानी, जेपी नोएडा, पीडीपीयू, पैक चंडीगढ़, ट्रिपल आईटी बैंगलुरू जैसे प्रमुख संस्थान शामिल हैं.
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FIRST PUBLISHED : May 10, 2019, 14:31 IST