नई दिल्ली. देशभर के 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास शुरू हो चुका है. ये सभी स्टेशन कुछ न कुछ खास विशेषताएं समेटे हुए हैं. इन स्टेशनों का निर्माण रेलवे के लिए चुनौती है, क्योंकि स्टेशनों का निर्माण बगैर ट्रेनों का संचालन बाधित हुए करना है. लेकिन सबसे बड़ी चुनौती उन स्टेशनों को विकसित करने में आ रही है, जो घनी आबादी के बीच बने हुए हैं. क्योंकि भारी ट्रैफिक के बीच से स्टेशन तक निर्माण का सामान पहुंचाना और मलबा ले जाना कठिनाई भरा है. आइए जानें रेलवे के अनुसार घनी आबादी वाले कौन कौन से प्रमुख स्टेशन हैं, जो डेवलप किए जा रहे हैं.
रेलवे मंत्रालय के पुनर्विकास किए जा रहे स्टेशनों में काफी संख्या में ऐसे हैं, जो आबादी के बीचों बीच हैं, लेकिन कुछेक स्टेशन बहुत घनी आबादी के बीच बने हैं. इनमें उत्तर प्रदेश का कानपुर, गुजरात का सूरत और साबरमती और महाराष्ट्र का नागपुर स्टेशन प्रमुख है.
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ये ऐसे स्टेशन हैं, जिनका जिक्र रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी स्वयं कर चुके हैं. इन पर काम भी शुरू हो चुका है. खास बात यह है कि इनका निर्माण भी चल रहा है और शहर वालों को किसी भी तरह की असुविधा नहीं हो रही है. साथ ही, ट्रेनों का संचालन भी पहले की तरह चल रहा है.
कानपुर स्टेशन
कानपुर सेंट्रल स्टेशन को विश्वस्तरीय बनाने का काम कंपनी को आवंटित कर दिया गया. सेंट्रल स्टेशन के कायाकल्प के लिए 655 करोड़ खर्च होंगे. स्टेशन के विकास का काम तीन साल में पूरा हो जाएगा. स्टेशन के सिटी साइड मल्टी स्टोरी इमारत बनेगी.
नागपुर स्टेशन
नागपुर स्टेशन का पुनर्निमाण कार्य तेजी से चल रहा है. बैचिंग प्लांट पूरा होने के साथ हेविट ब्रिज भी शुरू कर दिया गया है. वहीं, बेसमेंट के लिए खुदाई समेत वायरिंग, पाइप लाइन आदि के काम तेजी से किये जा रहे हैं. कुल 487.77 करोड़ रुपये की लागत से 36 महीनों में नागपुर रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास करने का लक्ष्य रखा गया है.
सूरत स्टेशन
सूरत रेलवे स्टेशन दिल्ली-मुंबई रेलवे लाइन में स्टेशन होने की वजह से महत्वपूर्ण स्टेशन है, जो पश्चिमी रेलवे जोन के व्यस्ततम रेलवे स्टेशनों में से एक है. अधिकारियों के अनुसार स्टेशन के पुर्नविकास में 835 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. इसके लिए स्टेशन के पूर्व और पश्चिम साइट नई इमारत बनेगी, जो आधुनिक सुविधाओं से लैस होगी.
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FIRST PUBLISHED : September 27, 2023, 14:17 IST