बिना UPSC क्रैक किए भी कई लोग कैसे बन जाते हैं IAS, जानिए फॉर्मूला

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How To Becoeme IAS : संघ लोक सेवा आयोग हर साल सिविल सर्विसेज परीक्षा आयोजित करता है. इसके जरिए आईएएस, आईपीएस, आईएफएस समेत कुल 24 विभिन्न सेवाओं के लिए भर्तियां होती हैं. यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए हर साल 10 लाख से अधिक आवेदन होते हैं. जिसमें से एक हजार के करीब उम्मीदवारों का फाइनल सेलेक्शन होता है. यह वैकेंसी पर निर्भर करता है. यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है. लेकिन कई लोग बिना यूपीएससी क्रैक किए भी आईएएस या इसके समकक्ष अफसर बन जाते हैं. आइए जानते हैं कैसे…

बिना यूपीएससी पास किए IAS बनने के ऑप्शन

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा बिना पास किए IAS बनने के दो रास्ते हैं-

1. राज्य सिविल सेवा परीक्षा पास करके
2. सिविल सर्विसेज लैटरल एंट्री के जरिए

पीसीएस अफसर कैसे बनते हैं आईएएस ?

राज्य सिविल सेवा परीक्षा जैसे कि यूपी पीसीएस या एमपी पीसीएस परीक्षाएं पास करके सबसे पहले एसडीएम बनना होगा. एसडीएम के रूप में करीब 12-15 साल नौकरी करने के बाद आईएएस कैडर में प्रमोशन हो सकता है. हालांकि इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (प्रमोशन से अप्वाइंटमेंट) रेगुलेशन्स 1955 के अनुसार 8 साल की सर्विस के बाद आईएएस कैडर में प्रमोशन पाने की योग्यता हासिल हो जाती है. वास्तविकता में प्रमोशन काफी लंबे समय बाद मिलता है.

पीसीएस से आईएएस में प्रमोशन के नियम

पीसीएस अधिकारियों के आईएएस कैडर में प्रमोशन के लिए एक कमेटी बनती है. इसमें राज्य सरकार के चीफ सेक्रेटरी, इसके अलावा सेवारत कैडर के सबसे सीनियर अधिकारी, राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग का प्रमुख/कार्मिक/राजस्व विभाग का अधिकारी. जिसकी रैंक राज्य के सचिव के बराबर या उससे ऊपर हो. इन सब के अलावा भारत सरकार द्वारा नामित दो अधिकारी जिनकी रैंक ज्वाइंट सेक्रेटरी के बराबर या उससे ऊपर होती है, होते हैं. यह कमेटी केंद्र सरकार के पास नाम भेजने के लिए अधिकारियों के एनुअल कॉन्फीडेंशियल रिपोर्ट (एसीआर) का एनालिसिस करती है. यदि किसी अधिकारी के खिलाफ कोई जांच चल रही होती है तो उसका नाम लिस्ट से बाहर कर दिया जाता है. इसके बाद केंद्र सरकार तैयार लिस्ट पर अपनी प्रतिक्रिया राज्य सरकार को भेजती है.

पीसीएस से IAS बनने के लिए योग्यता

अधिकारी के खिलाफ कोई जांच नहीं चल रही होनी चाहिए.
सेवाकाल के दौरान कोई आरोप पत्र नहीं होना चाहिए.
अधिकारी की उम्र 54 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए.

डिटेल जानकारी के लिए भारत सरकार के कार्मिक विभाग का नोटिफिकेशन देखें

लेटरल एंट्री से IAS कैसे बनते हैं ?

सिविल सर्विसेज में आने का दूसरा तरीका लेटरल एंट्री स्कीम है. इसके जरिए तीन चरणों वाली यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा दिए बगैर ज्वाइंट डायरेक्टर या सेक्रेटरी लेवल के पद पर नियुक्ति होती है. इसके लिए प्राइवेट कंपनी में काम करने वाला 40 साल तक का कोई भी अधिकारी अप्लाई कर सकता है. उसके पास कम संबंधित फील्ड में कम से कम 15 साल काम करने का अनुभव होना चाहिए. आवेदन के बाद भारत सरकार के कैबिनेट सेक्रेटरी की अगुवाई वाली कमेटी के सामने इंटरव्यू देना होता है. लैटरल एंट्री के जरिए फाइनेंस, आर्थिक मामलों, खेती-किसानी, सड़क, शिपिंग (पानी के जहाज), पर्यावरण, नवीकरणीय ऊर्जा, नागरिक उड्डयन और कॉमर्स विभाग में ज्वाइंट डायरेक्टर या सेक्रेटरी लेवल के पद पर नियुक्त किया जाता है. लेटरल एंट्री से नियुक्ति तीन साल के कॉन्ट्रैक्ट पर होती है.

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Tags: Career Guidance, IAS, Job and career, Upsc exam

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