भारत ने सीक्रेटली किया क्रूज मिसाइल का टेस्ट, किसी को नहीं लगी भनक, जल-थल और हवा में लगेगी दुश्मनों की परेड

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SLCM Test By DRDO: रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने सीक्रेटली इस साल फरवरी में क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया. यह पनडुब्बी से लॉन्च किया जाने वाला क्रूज़ मिसाइल (SLCM) है. इसको पनडुब्बियों के टारपीडो ट्यूबों से लॉन्च किया जा सकता है. एसएलसीएम को जमीन पर हमला करने वाली निर्भय क्रूज मिसाइल के आधार पर बनाया गया है. यह मिसाइल अभी भी इन-प्रोसेस है.

डीआरडीओ का यह टेस्ट काफी सीक्रेट था, 10 महीने तक किसी को भनक तक नहीं लगा था. एएनआई ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर दुबई एयर शो में DRDO स्टॉल का पोस्टर शेयर किया था, जिसके बाद इसके बारे में जानकारी हुई. एएनआई के एक पोस्ट के अनुसार, इस मिसाइल की मारक क्षमता 500 किलोमीटर है और इसे भविष्य में बढ़ाया भी जा सकता है. परीक्षण के शुरुआत में इसने 402 किलोमीटर की दूरी पर अपने लक्ष्य को सफलतापूर्वक भेदा था.

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एएनआई द्वारा शेयर किया गया पोस्ट.

एएनआई के अनुसार, यह मिसाइल 5.6 मीटर लंबी है, जिसका वजन 975 किलोग्राम है और व्यास सिर्फ 505 मिमी है. इस मिसाइल के 2 वेरिएंट होंगे, पहला जमीन पर हमला करने वाली क्रूज मिसाइल वेरिएंट और दूसरा एंटी-शिप क्रूज मिसाइल वेरिएंट. यह मिसाइल मिडकोर्स नेविगेशन के लिए इंटर्नल नेविगेशन सिस्टम/ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) का प्रयोग करेगी. इसके गाइडेंस के लिए इसमें रेडियो फ्रीक्वेंसी रडार भी लगा है.

डीआरडीओ के पोस्टर के अनुसार, ये मिसाइल एक ठोस ईंधन वाले रॉकेट मोटर बूस्टर द्वारा संचालित है. इससे मिसाइल को एक निश्चित पूर्व-निर्धारित ऊंचाई और वेग तक ले जाता है. इसके बाद, ठोस रॉकेट बूस्टर अलग हो जाता है, और इसके वींग में एक टर्बो-फैन होता है जो इसके इंजन को उड़ान में शक्ति प्रदान करता है.

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यह पनडुब्बी से लॉन्च किया जाने वाला क्रूज़ मिसाइल (SLCM) 0.7 मैक की गति से यात्रा करेगी. इसे कलवरी क्लास, सिंधुघोष क्लास और संभावित रूप से प्रोजेक्ट -75I क्लास पनडुब्बियों में लगाया जाएगा. अभी हाल में भारत सरकार ने भी तीनों सेनाओं में बड़ी संख्या में निर्भय क्रूज मिसाइलों को शामिल करने के प्रस्तावों पर विचार कर रही है.

Tags: DRDO, Missile trial

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