जयपुर: मीट की अवैध दुकानों पर नगर निगम का एक्शन, 50 से ज्यादा दुकानों को किया सीज, हड़कंप मचा

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हाइलाइट्स

जयपुर नगर निगम की बड़ी कार्रवाई
अवैध रूप से संचालित मीट की दुकानों को किया सीज
नई सरकार बनने के बाद ग्रेटर नगर निगम ने चलाया अभियान

जयपुर. राजस्थान में नई सरकार बनते ही राजधानी जयपुर में खुले में अवैध रूप से मीट बेचने वालों पर नगर निगम की सख्ती देखने को मिल रही है. राजधानी में अवैध बूचड़खानों को बंद कराने के साथ ही दुकानों को सीज करने और मीट को जब्त कर उसे नष्ट किए जाने की कार्रवाई की जा रही है. हेरिटेज नगर निगम की ओर से 115 और ग्रेटर नगर द्वारा केवल 200 दुकानों को मीट बेचने का लाइसेंस जारी किया गया है. लेकिन इसके बावजूद शहर के कोने- कोने में धड़ल्ले से खुले में मांस की बिक्री जा रही है.

ग्रेटर नगर निगम की महापौर सौम्या गुर्जर ने बताया कि 6 साल पहले भी अवैध मीट की दुकानों पर इस तरह की कार्रवाई की गई थी. अब फिर से यह अभियान शुरू किया गया है. नगर निगम के अधिकारियों को इस संबंध में बाकायदा टास्क जारी किया गया है. उसमें अधिकारियों को साफ तौर पर कहा गया है कि बिना लाइसेंस की खुले में चल रही मीट की दुकानों पर सख्त एक्शन लिया जाए. निर्देशों के बाद से ही निगम के पशु प्रबंधन की टीमें लगातार छापेमारी करके मीट की अवैध दुकानों को सीज करने की कार्रवाई कर रही है.

50 से ज्यादा दुकानों पर हुई कार्रवाई
जयपुर ग्रेटर नगर निगम के उप महापौर पुनीत कर्णावट ने बताया कि हाल में नगर निगम ने झोटावाड़ा, सांगानेर और विद्याधर नगर में शुरू किए गए अभियान में करीब 50 दुकानों पर कार्रवाई की है. उसमें बड़ी तादाद में मीट जब्त करके नष्ट किया है. खुले में मीट की बिक्री को लेकर पहले भी कई तरह की शिकायतें सामने आ चुकी हैं. लेकिन पिछली सरकार में नगर निगम के अधिकारी कार्रवाई नहीं कर पाते थे.

निष्पक्ष कार्रवाई होनी चाहिए
निगम के अधिकारियों ने बताया लाइसेंस की शर्त के मुताबिक मीट की दुकान के 50 मीटर के दायरे में कोई भी धार्मिक स्थल या शिक्षण संस्थान नहीं होना चाहिए. मीट की दुकानों पर काले कांच लगाकर मीट की कटिंग करने का नियम है. साथ ही मीट सामग्री को खुले में प्रदर्शित नहीं कर सकते. वहीं इस कार्रवाई को लेकर स्थानीय लोगों का कहना है कि दिखावटी अभियान के बजाय यह कार्रवाई सतत रूप से चलनी चाहिए. जो भी शिकायतें मिल रही हैं उन पर निष्पक्ष तरीके से कार्रवाई की जानी चाहिए.

Tags: Jaipur Greater Municipal Corporation, Jaipur news, Rajasthan news

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