Investment Tips : शेयर बाजार में निवेश करने वाले अधिकतर लोगों को लगता है कि उनकी किस्मत काफी खराब है. ज्यों ही वे स्टॉक खरीदते हैं, त्यों ही भाव गिरने लगता है. मालूम होता है कि शेयर बाजार जैसे हमें ही टारगेट कर रहा है, और हमें ही लॉस देने के लिए है! क्या आपको भी ऐसा ही लगता है? यदि हां, तो ये आर्टिकल आपकी आंखें खोल देगा. आप जान जाएंगे कि ऐसा क्यों होता है?
शेयर बाजार में पैसा लगाने वालों को सबसे पहले यह समझना चाहिए कि बाजार काम कैसे करता है. इसे चलाने वाले कौन लोग हैं? कौन इतना पैसा डालता है कि रोजाना शेयर बाजार लाखों करोड़ रुपये के हिसाब से ऊपर नीचे हो जाता है. इसका एक सीधा-सा उत्तर यही है कि शेयर बाजार को चलाने वाले लोग हम और आप जैसे रिटेल निवेशक तो नहीं ही है. तो फिर कौन हैं? दरअसल, शेयर बाजार में बड़े निवेशक (विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs), घरेलू संस्थागत निवेशक (DIIs), और बड़े पैसे वाले इंडिविजुअल्स) के साथ-साथ रिटेल या छोटे निवेशक शामिल होते हैं.
इन दोनों ही तरह के निवेशकों में सबसे बड़ा अंतर पैसे का होता है. एक रिटेल निवेशक कुछ हजार रुपये से लेकर कुछ लाख रुपये लेकर शेयर बाजार में आता है, जबकि संस्थागत निवेशकों के पास लाखों करोड़ों रुपये का मनी बैंक होता है. इन्हें ही स्मार्ट मनी कहा जाता है और यही स्मार्ट मनी सही मायनों में बाजार को चलाती है.
ऐसे होता है असली खेल?
बड़े निवेशकों के पास कंपनियों के अंदर की जानकारियों से लेकर ज्यादा रिसर्च और बेहतर एनालिसिस उपलब्ध होता है. उनके पास इस सारे काम के लिए बड़ी टीम होती है, जो मोटी-मोटी सैलरी पाती है. जब कोई शेयर गिर चुका होता है तो वहां से बड़े निवेशक पैसा डालना शुरू करते हैं. धीरे-धीरे शेयर का भाव ऊपर आने लगता है. इसके बाद दूसरे लेवल के बड़े निवेशक (जिनके पास कुछ करोड़ों रुपये होते हैं) अपना पैसा लगाना शुरू करते हैं. इनके पास भी बेहतर एनालिसिस होता है.
इन दोनों के पैसा लगाने के बाद शेयर काफी ऊपर आ जाता है. टीवी चैनल्स और अखबारों में चर्चा होने लगती है. यही वह वक्त होता है, जब रिटेल अथवा छोटे निवेशक को उस शेयर के बारे में पता चलता है. चर्चा की वजह से वही शेयर छोटे निवेशकों को भी आकर्षित करने लगता है. यही वह समय होता है, जब छोटे निवेशक पैसा लगाते हैं. उन्हें लगता है कि यह शेयर अब रॉकेट होगा. जैसे-जैसे रिटेल ट्रेडर शेयर खरीदते हैं, भाव और ऊपर जाने लगता है.
डिमांड एंड सप्लाई का चक्र
कोरा (Quora) पर मौजूद एक ट्रेडर ने इस सवाल के जवाब में यही डिटेल दी है. जय हयूर (Jay Hauer) नाम इस वित्तीय विश्लेषक का कहना है कि जब रिटेल ट्रेडर निवेश कर देता है तब तक भाव ऊपर आ चुका होता है. यहां आने के बाद जिन्होंने (बड़े निवेशकों ने) नीचे के लेवल से स्टॉक को खरीदा होता है, उन्हें अच्छा प्रॉफिट नजर आने लगता है. यहीं से वे लोग प्रॉफिट की बुकिंग शुरू कर देते हैं. वे लोग जैसे-जैसे शेयर से अपना प्रॉफिट निकालते हैं, शेयर का भाव कम होने लगता है.
उनके पास इतनी अधिक मात्रा में शेयर होते हैं कि रिटेल निवेशक उनकी सप्लाई को सोख नहीं सकते और भाव गिरता चला जाता है. यहां डिमांड और सप्लाई का नियम भी लागू होता है. नीचे के भावों पर जब सप्लाई (बेचने वाले) ज्यादा होती है, तब खरीदने वाले कम होते हैं. इस सप्लाई के केवल बड़े संस्थागत निवेशक की सोखते हैं. उसके बाद जब बाजार ऊपर जाता है तो डिमांड बढ़ने लगती है, पूरी डिमांड सोखने के बाद वही बड़े निवेशक सप्लाई करना शुरू करते हैं अर्थात बेचने लगते हैं. यह चक्र ऐसे ही चलता रहता है.
तो छोटे निवेशक करें तो क्या करें?
यदि आप एक छोटे निवेशक हैं तो कुछ चीजें आपको इस दुष्चक्र से बचा सकती हैं. शेयर बाजार में पैसा कमाने के लिए आपको कुछ नियमों का पालन करना ही होगा. ये नियम इस प्रकार हैं-
- FOMO के चक्कर में शेयर न खरीदें : FOMO का मतलब है फियर ऑफ मिसिंग आउट. जब किसी शेयर का हल्ला मचता है तो छोटे निवेशकों को लगता है कि उन्हें जल्दी से पैसा लगा देना चाहिए, कहीं देर न हो जाए. शेयर बाजार में देर कभी नहीं होती. आपको फोमो को दिमाग से निकालकर धीरे-धीरे पैसा लगना चाहिए.
- पेशेंस रखना जरूरी : एक बार जब पैसा डाल दिया तो फिर आपको निश्चिंत होकर बैठना चाहिए. 2-3 साल के लिए भूल जाना चाहिए. यदि आप रातों-रात शेयर के गिरने और उठने से प्रभावित होंगे तो पैसा नहीं बनेगा.
- पैसा वही लगाएं, जो बफर में हो : शेयर बाजार में आपको वही पैसा लगाना चाहिए, जो आपके पास बफर में है. ऐसा पैसा, जिसकी आपको निकट भविष्य में जरूरत नहीं पड़ने वाली. कभी भी उधार लेकर पैसा नहीं लगान चाहिए.
- बड़े प्रॉफिट के लिए बैठें : आम तौर पर ऐसा होता है कि छोटे निवेशकों को जब थोड़ा-सा प्रॉफिट दिखने लगता है तो वे शेयर बेचकर निकल जाते हैं, जबकि लॉस होने लगे तो बैठे रहते हैं. छोटे निवेशकों को गांठ बांधनी चाहिए कि जब प्रॉफिट चल रहा तो बैठे रहें और छोटे लॉस पर निकल जाएं.
- टिप्स के झांसे में न आएं : आपको ऐसी टिप्स पर भरोसा नहीं करना चाहिए, जो हर दिन हर जगह उपलब्ध रहती हो. यदि आपके पास शेयर बाजार की नॉलेज नहीं है तो आपको निवेश से पहले किसी सर्टीफाइड निवेशक से मशविरा करना चाहिए.
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FIRST PUBLISHED : February 12, 2024, 14:44 IST