America gave a big statement regarding India Womens Reservation Bill US told what is going to happen/भारत के महिला आरक्षण विधेयक को लेकर अमेरिका ने दिया बड़ा बयान, बताया भविष्य में क्या होने वाला है

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पीएम मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला।- India TV Hindi

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पीएम मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला।

भारत में महिलाओं के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाकर महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण लागू किए जाने के फैसले पर पहली बार किसी गैर देश की प्रतिक्रिया सामने आई है। भारत के रणनीतिक साझेदार और दोस्त अमेरिका ने महिला आरक्षण विधेयक को लेकर बड़ा बयान दिया है। अमेरिका के अनुसार भारत के इस फैसले से महिलाओं को समान और अधिक अवसर उपलब्ध होंगे। यह भविष्य के लिए परिवर्तनकारी सिद्ध होगा। भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी मंच (यूएसआईएसपीएफ) ने भारत की संसद के निचले सदन और राज्य की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करने वाले विधेयक की सराहना करते हुए इसे एक परिवर्तनकारी कानून करार दिया।

यूएसआईएफ ने कहा कि यह लैंगिक समानता तथा समतावाद को बढ़ावा देता है। यूएसआईएसपीएफ के अध्यक्ष मुकेश अघी ने शुक्रवार को जारी एक बयान में दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में निर्णय लेने वाले निकायों के शीर्ष पदों पर अधिक महिलाओं के होने के महत्व को भी रेखांकित किया। भारत की राजनीति पर व्यापक असर डालने की क्षमता वाले 128वें संविधान संशोधन विधेयक को बृहस्पतिवार को संसद की मंजूरी मिल गई जिसमें लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है।

पीएम मोदी ने रच दिया इतिहास

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महिला आरक्षण विधेयक लागू करवा कर देश में नया इतिहास रच दिया है। उन्होंने विधेयक का समर्थन करने के लिए सांसदों को धन्यवाद दिया और कहा कि एक बार जब महिलाएं नेतृत्व की भूमिका निभाएंगी और राष्ट्र निर्माण प्रक्रिया में शामिल होंगी, तो वे देश के उज्ज्वल भविष्य की गारंटी बन जाएंगी। मुकेश अघी ने कहा, ‘‘ लैंगिक समानता और बढ़े हुए प्रतिनिधित्व को प्राप्त करने की दिशा में यह भारत सरकार और माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का एक बड़ा कदम है।’’ उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के उन पहले देशों में से एक है जहां महिला प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के पद पर रह चुकी हैं। यूएसआईएसपीएफ के अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और अब दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश में, निर्णय लेने वाली संस्थाओं के शीर्ष पदों पर अधिक महिलाओं का होना उचित है। यह विधेयक एक परिवर्तनकारी कानून है और लैंगिक समानता और समतावाद को बढ़ावा देता है। (भाषा)

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