गजब का पेड़…आदि गुरु शंकराचार्य को मिला था दिव्य ज्ञान! पत्तों से कई बीमारियों का होता है इलाज

Picture of Gypsy News

Gypsy News

सोनिया मिश्रा/ चमोली. देवभूमि उत्तराखंड में स्थित एक ऐसा वृक्ष जिस पर फूल तो खिलते हैं लेकिन फल नहीं. यह पेड़ पौराणिक, आध्यात्मिक और औषधीय महत्व वाला है जो चार मठों में से एक ज्योतिर्मठ (जोशीमठ) में स्थित है. कई शाखाओं में फैले लगभग 22 मीटर व्यास वाले इस कल्पवृक्ष की ऊंचाई तकरीबन 170 फीट है. इस पेड़ की खासियत यह भी है कि इसके नीचे बैठकर शांति की अनुभूति होती है.

चमोली जिले के जोशीमठ में पौराणिक कल्पवृक्ष है. इसे मनोकामनाओं को पूरी करने वाला पारिजात कहते हैं. मान्यता है कि इस वृक्ष के नीचे बैठकर आदिगुरु शंकराचार्य ने तपस्या की थी और यहीं उन्हें दिव्य ज्योति ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. ज्ञान प्राप्ति के बाद शंकराचार्य ने सनातन धर्म की रक्षा के लिए चारों दिशाओं में चार पीठों की स्थापना की और भारतवर्ष में एकता का सूत्रपात किया. पूर्व धर्माधिकारी भुवन उनियाल और स्थानीय निवासी सूरज कपरुवाण कहते हैं कि आदिगुरु शंकराचार्य ने इसी कल्पवृक्ष के नीचे समाधि लेकर दिव्य ज्योति की प्राप्ति की थी, जिसके बाद उन्होंने ‘शंकर भाष्य’, ‘धर्मसूत्र’ सहित कई ग्रंथों की रचना की.

देवराज इंद्र ने किया था स्थापित
पुराणों के अनुसार, समुद्र मंथन के 14 रत्नों में से एक कल्पवृ‍क्ष की भी उत्पत्ति हुई थी. समुद्र मंथन से प्राप्त इस वृक्ष को देवराज इंद्र को दे दिया गया था और इंद्र ने इसकी स्थापना हिमालय के उत्तर में कर दी थी. समुद्र मंथन के दौरान श्री, मणि, रम्भा, वारुणि, अमिय, शंख, गजराज, कामधेनु, धनुष, शशि, कल्पतरु, धन्वन्तरि, विष और वाज की उत्पत्ति हुई थी, उन्हीं में से एक था यह पारिजात/कल्पवृक्ष.

कल्पवृक्ष का औषधीय महत्व
यहां के रहने वाले सूरज कपरुवाण बताते हैं कि कल्पवृक्ष का धार्मिक और औषधीय महत्व है. औषधीय गुणों के कारण भी इस वृक्ष की पूजा की जाती है. इसमें 6 गुना ज्यादा विटामिन ‘सी’ होता है. साथ ही गाय के दूध से दोगुना कैल्शियम होता है. इसके इसकी पत्ती को धो-धाकर पानी में उबालकर खाया जा सकता है. पेड़ की छाल, फल और फूल का उपयोग औषधि तैयार करने के लिए किया जाता है. इसके पत्तियों में एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं, जो कब्ज और एसिडिटी में सबसे कारगर है. इसके पत्तों में एलर्जी, दमा, मलेरिया को समाप्त करने की शक्ति है.

Disclaimer: चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, फेंगशुई आदि विषयों पर आलेख अथवा वीडियो समाचार सिर्फ पाठकों/दर्शकों की जानकारी के लिए है. इनसे संबंधित किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूरी है. हमारा उद्देश्य पाठकों/दर्शकों तक महज सूचना पहुंचाना है. इसके अलावा, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की होगी. Local 18 इन तथ्यों की पुष्टि नहीं करता है.

Tags: Health, Local18

Source link

और भी

Leave a Comment

इस पोस्ट से जुड़े हुए हैशटैग्स