हाइलाइट्स
यदि आप सोच रहे हैं कि ज्यादा ठंड है तो इसमें ज्यादा पानी पीने की जरूरत नहीं है तो आप पूरी तरह से गलत हैं.
सूजी-मैदा जैसे प्रोसेस्ड चीजों से ये सारे पोषक तत्व निकल जाते हैं.
Tips to Combat Nerve Pain During Cold Weather: सर्दी आते ही कई लोगों के लिए मुसीबत बन जाती है. कुछ लोगों को ज्यादा सर्दी लगती है और इस कारण उनकी नसें शिथिल पड़ने लगती है. इस कारण वे कोई काम सही से नहीं कर पाते हैं. दरअसल, जब तापमान बहुत कम होने लगता है तब शरीर अपने अंदरुनी अंगों में ब्लड सर्कुलेशन (blood circulation) को तेज कर देता है. इस कारण शरीर के बाकी हिस्से में सर्कुलेशन कम होने लगता. इससे हाथ और पैर की नसें सिकुड़ने लगती है. एक तरह से नसों में जकड़न या शिथिलपन होने लगती है. इन सब कारणों से ठंड ज्यादा लगता है और शरीर में चुस्ती कम हो जाती है.
ठंड में क्यों नसें हो जाती है कमजोर (why nerve weakness in winter)
अपोलो अस्पताल, बेंगलुरु की चीफ क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. प्रियंका रोहतगी ने बताया कि ज्यादा ठंड होने के बाद नर्व कंडक्शन धीमा हो जाता है. नर्व या नसें एक तरह से केवल तार है जिससे होकर इलेक्ट्रिक इंपल्स और सिंग्नल दिमाग तक जाती है और दिमाग से पूरे शरीर तक प्रवाहित होती है. नसें ही इलेक्ट्रिक और इलेक्टोटाइड की सप्लाई करती है. ज्यादा ठंड होने के बाद बॉडी खुद को नॉर्मल टेंपरेचर में लाने के लिए तापमान को मुख्य अंगों में खर्च करने लगती है. इस कारण अन्य जगहों पर सर्कुलेशन कम हो जाता है. इसमें नर्व में सेंसेशन कम हो जाता है. इससे नसें शिथिल होने लगती है और इसमें दर्द का एहसास भी कम होने लगता है. यही कारण है नसें शिथिल होने पर चुस्ती या फूर्ति बहुत कम हो जाती है.
नसें मजबूत बनाने के लिए डॉक्टर के बताए तरकीब
1. पूरे शरीर को कवर रखें–डॉ. प्रियंका रोहतगी कहती हैं कि ठंड में बॉडी को गर्म रखने के लिए और नसों को शिथिल होने से बचाने के लिए सबसे पहले पूरे शरीर को गर्म कपड़े से ढक कर रखें. अगर शरीर को ढक कर नहीं रखेंगे तो ठंड शरीर में घुसेगा जिससे बॉडी को नॉर्मल टेंपरेचर में लाने के लिए बहुत ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी. इसलिए बाहर निकलते हैं तो शरीर को गर्म कपड़े से ढक कर रखें.
2. विटामिन बी-नसों को शिथिल बनाने में विटामिन बी 12 की कमी का बहुत योगदान रहता है. यदि विटामिन बी 12 की कमी है तो हेल्दी लोगों की नसें भी ठंड में शिथिल होने लगती है. इसलिए विटामिन बी के लिए हरी पत्तीदार सब्जियां, ताजे फल, दूध, अंडा, मशरूम, छाछ, दालें, चिकन, फलीदार सब्जियों का सेवन करें.
3. मैग्नीशियम-सर्दी में नसें लुंज-पुंज न हो, इसके लिए मैग्नीशियम की आपूर्ति बहुत जरूरी है. मैग्नीशियम की कमी से भी नसें कमजोर हो सकती है. मैग्नीशियम के पूर्ति के लिए नियमित रूप से एवोकाडो, बादाम, फलीदार सब्जियां, पंपकीन सीड्स, टोफू, साबुत अनाज, फैटी फिश, केला, हरी पत्तीदार सब्जियों आदि का सेवन करना चाहिए.
4. गेंहू, जौ, ज्वार के छिल्के-डॉ. प्रियंका रोहतगी कहती हैं कि नसों को शिथिल होने से बचाने के लिए विटामिन बी और मैग्नीशियम की शरीर में कमी नहीं होनी चाहिए. चूंकि हरी पत्तीदार सब्जियों में विटामिन बी और मैग्नीशियम दोनों होते हैं लेकिन पानी में घुलनशील होने के कारण इसका ज्यादातर हिस्सा निकल जाता है. इसलिए छिल्के वाला साबुत अनाज इसमें ज्यादा फायदेमंद है. इसके लिए गेंहू, ज्वार, जौ आदि मोटे अनाज जिसमें ज्यादा छिल्का होता है, उसे सामान्य तरीके से पीसकर उसकी रोटी बनाकर खाएं. इससे उसमें विटामिन या मैग्नीशियम निकलेगा नहीं. यानी गेंहू, जौ, ज्वार आदि के आटे से बनी रोटियां खाएं. इसमें छिल्का सहित आटा बनाएं. सूजी-मैदा जैसे प्रोसेस्ड चीजों से ये सारे पोषक तत्व निकल जाते हैं.
5. पानी-यदि आप सोच रहे हैं कि ज्यादा ठंड है तो इसमें ज्यादा पानी पीने की जरूरत नहीं है तो आप पूरी तरह से गलत हैं. कमजोर नसों को शिथिल होने से बचाने के लिए शरीर में पर्याप्त पानी की जरूरत होती है. पानी नहीं पीने से शरीर में तरलता का संतुलन बिगड़ जाएगा.
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FIRST PUBLISHED : December 20, 2023, 15:00 IST