Coronavirus Vaccine Booster shot: कोरोना वायरस का नया वेरिएंट जेएन.1 भारत के केरल राज्य में सबसे ज्यादा हमलावर हो रहा है. देश के अन्य राज्यों के मुकाबले यहां कोविड के सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. इससे बचाव के लिए हेल्थ एक्सपर्ट लगातार मास्क पहनने और कोविड अनुरूप व्यवहार करने की भी सलाह दे रहे हैं. ऐसे में एक सवाल यह भी है कि क्या कोरोना की पहली, डेल्टा और ओमिक्रोन की लहरों में रक्षा कवच का काम कर चुकी वैक्सीन के बूस्टर डोज की एक बार फिर जरूरत है, या पुरानी वैक्सीन ही इस स्ट्रेन से बचा लेगी.
हाल ही में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की ओर से इस वेरिएंट को लेकर कहा गया है कि यह ज्यादा खतरनाक नहीं है. डब्ल्यूएचओ ने इसे वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट का नाम दिया है. हालांकि हार्ट या अन्य किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे सीनियर सिटिजंस को भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनने की सलाह दी जा रही है.
जहां तक वैक्सीन के बूस्टर डोज की बात है तो नेशनल टैक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन, भारत सरकार, के चीफ डॉ. नरेंद्र कुमार अरोड़ा बताते हैं कि कोरोना का जेएन.1 वेरिएंट आमतौर पर होने वाले सर्दी-खांसी-जुकाम की तरह है. ऐसे में इससे बचाव के लिए वैक्सीन का बूस्टर डोज लगवाने की जरूरत नहीं है. शरीर में मौजूद रोग प्रतिरोधक क्षमता ही इसके लिए पर्याप्त है.
वहीं डब्ल्यूएचओ का कहना है कि चूंकि यह वेरिएंट जेएन.1, BA.2.86 वेरिएंट का ही एक हिस्सा है, जो कि ओमिक्रोन का सबवेरिएंट है, इस लिहाज से अगर कोई वैक्सीन लेता भी है तो वह इस स्ट्रेन के खिलाफ पूरी तरह कारगर है.
बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, केरल में पिछले 24 घंटों में 115 नए कोविड-19 संक्रमण सामने आए हैं और राज्य में वायरस से संक्रमित मरीजों की सक्रिय संख्या 1,749 हो गई है.
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FIRST PUBLISHED : December 20, 2023, 09:29 IST